Meri Kahani

गौरव से गोरी तक का सफर

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हेलो दोस्तो में गौरव मथुरा से में कब गौरव से गोरी बना ये आपको बताता हूँ। में मथुरा से अपनी दीदी पारुल के घर गया था,वो मेरी मौसी की लड़की है वो कानपुर में रहती है। में बहुत दिन के बाद अपनी मौसी के घर गया था। दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी क्योंकि दीदी का न कोई भाई था और न ही कोई और बहन मे भी अपने घर मे अकेला लड़का था।। इस लिए में उन्हें ओर वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अब सफर सुरु करते है, जैसे कि में बता चुका हूं कि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी तो हम एक दूसरे से अपनी दिल की बात भी कर लेते थे। एक दिन दीदी बोली कि मेरे पास तेरे जैसा भाई थो है पररर....... दीदी इतना बोल के चुप हो गयी तो मैने बोला परर क्या दीदी...? फिर दीदी बोली परर मुझे अब एक छोटी बहन की भी जरूरत है। में दीदी से बोला आपको छोटी बहन की क्यो जरूरत है में तो हु न आपका छोटा भाई कोई काम है तो मुझे बताओ, दीदी हँसने लगी और बोली पागल कुछ ऐसी भी बात होती है जो एक बहन दूसरी बहन से कर सके उस टाइम मेरी उम्र सिर्फ 16 साल की थी में छिड़ कर बोला क्या में आपका भाई नही हूँ क्या में आपकी परेशानियां दूर नही कर सकता बोलो दीदी। ...

मेरी पहली कहानी

मेरा जन्म उत्तर प्रदेश में मथुरा में हुआ है, में जब 10 साल का हुआ तो में ये सोचने लगा कि काश मुझे पुलिस में एक एजेंट की जॉब मिलेगी और में पुलिस के लिए बहरूपिया बन कर काम करुँगा.

में लड़की बन कर चोर औऱ बदमाशों से लड़ूंगा औरअपनी देश की शान ऊपर करूँगा, पर ये सब सपने थे,मेने 11 साल की उम्र में पहली बार सड़क पर पड़ी हुई अपनी पड़ोसन की लड़की की ब्रा पहनी में उसे अपने घर चुप चाप ले आया उसका रंग काला था,
मुझे तभी से ब्रा पहना अच्छा लगने लगा ब्रा पहनने से शरीर में कुछ कुछ होने लगा मुझे ऐसा लगने लगा जैसे ये मेरे लिए भी बनी है अब आगे की स्टोरी में एक लड़की की तरह कहूंगा।
जब में 13 साल का हुआ तो मेरी माँ कोटी बाली की लड़की की फ्रॉक ले आयी जो पड़ोसन की लड़की को देना था पर मेरा मन उसे पहने को करने लगा मेने अपनी माँ से नजर बचा के उसे पहन लिया और माँ से उस पड़ोसन को ये फ्रॉक देने से रोकने के लिए कुछ सोचने लगी, जब माँ घर नही थी तो मैने उस फ्रॉक को ऊपर छत पर कोने में एक ईंट के नीचे रख दी और माँ को बोल दी कि मैने बो फ्रॉक पड़ोसन को दे दी है मेरी को लगा कि मैने सच मे वो फ्रॉक पड़ोसन को दे दी होगी
अब में स्कूल से आ करके ब्रा पहन कर और उस फ्रॉक पहन लेती थी माँ जब घर आती तो इनसे पहले में अपने कपड़े बदल लेती थी बस फ्रॉक उतार कर रख देती थी और ब्रा को टी शर्ट के नीचे पहन लेती थी, 

अभी के लिए में अपनी कहानी यही खत्म करती हूं उसे बाद कल फिर आउंगी,,

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