Meri Kahani

गौरव से गोरी तक का सफर

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हेलो दोस्तो में गौरव मथुरा से में कब गौरव से गोरी बना ये आपको बताता हूँ। में मथुरा से अपनी दीदी पारुल के घर गया था,वो मेरी मौसी की लड़की है वो कानपुर में रहती है। में बहुत दिन के बाद अपनी मौसी के घर गया था। दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी क्योंकि दीदी का न कोई भाई था और न ही कोई और बहन मे भी अपने घर मे अकेला लड़का था।। इस लिए में उन्हें ओर वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अब सफर सुरु करते है, जैसे कि में बता चुका हूं कि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी तो हम एक दूसरे से अपनी दिल की बात भी कर लेते थे। एक दिन दीदी बोली कि मेरे पास तेरे जैसा भाई थो है पररर....... दीदी इतना बोल के चुप हो गयी तो मैने बोला परर क्या दीदी...? फिर दीदी बोली परर मुझे अब एक छोटी बहन की भी जरूरत है। में दीदी से बोला आपको छोटी बहन की क्यो जरूरत है में तो हु न आपका छोटा भाई कोई काम है तो मुझे बताओ, दीदी हँसने लगी और बोली पागल कुछ ऐसी भी बात होती है जो एक बहन दूसरी बहन से कर सके उस टाइम मेरी उम्र सिर्फ 16 साल की थी में छिड़ कर बोला क्या में आपका भाई नही हूँ क्या में आपकी परेशानियां दूर नही कर सकता बोलो दीदी। ...

मेरी कहानी पार्ट 2

जब में 13 साल की हुई तो पहली फ्रॉक पहनी थी, मुझे पता नही क्या होने लगा था अब मुझे सिर्फ ऐसा लगने लगा था की में एक लड़की हूँ मेने 13 साल की उम्र में सिर्फ और सिर्फ बो ब्रा और फ्रॉक ही पहनी थी मेरा मन और भी बहुत कुछ पहने को करने लगा पर मुझे में कुछ भी खरीद सकती थी क्योंकि मेरे पास न तो पैसा था और न ही लड़कियों वाली कोई भी चीज़ खरीदने की हिम्मत क्यो की में डरती थी कि जब में किसी शॉप से कोई चीज़ लुंगी तो लोग मेरे से पूछेंगे की किस के लिए चहिये


हम मथुरा में किराएदार थे, उसमे 4 और परिवार रहते थे, धीरे में बड़ी होने लगी जब में 16 साल की हुई तो मुझे और भी बहुत कुछ ट्राय करने का मन किया मेरी माँ कभी ब्रा नही पहनती थी और जो में ब्रा पहनती थी वो छोटी हो गयी थी में नई ले नही सकती थी और पुरानी आती नही थी फ्रॉक मेने फेक दी थी क्यो की वो भी मुझे नही आती थी, फिर मेने अपनी लाइफ की पहली चोरी की मेने अपनी पड़ोसन की ब्रा और पैंटी चोराली वो मुझे अच्छी लगी थी वो लाल रंग की ब्रा और महरून रंग की पैंटी थी अब में उन्हें हर 2 दिन बाद पहनती थी क्योंकि मेरे पास वो एक ही थी, में और भी लेना चाहती थी पर डर अभी भी था मुझे में अपने स्कूल में भी खाली पैंटी पहन कर जाती थी ब्रा इस डर से नही पहन कर जाती थी कि कही मेरे दोस्तों को पता न चल जाये


फिर एक दिन ऐसा भी आया कि अपनी माँ की साड़ी पहन सकने लगु पर मुझे साड़ी पहनी नही आती थी, जब में 8th क्लास में आ गयी तो यूट्यूब से साड़ी पहनी सीखने लगी अब मुझे और ब्रा पैंटी की जरूरत होने लगी पर हर बार चोरी नही की जा सकती थी इस लिए मेने झूठ बोलना सुरु किया पहला झूठ मेने अपनी क्लासमेट से बोला की मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझसे ब्रा और पैंटी मांगी है मेरी क्लासमेट रूबी को जब मैने ये बात पता चली तो उसने बोला की ये तो तू भी ला सकता है मेने बोला मुझे डर लगता है ये चीज़ खरीदने के लिए तो दोस्त होने के नाते उसने मेरी मदद कर ने को बोल दिया और बोला कि तू मुझे उसका साइज़ बता देना और पैसे दे देना में लाके दे दूंगी तुझे, पर अब नई परेशानी ये थी कि मैने कभी लिया ही नही थी तो साइज कैसे दु और जो ब्रा पैंटी मेरे पास थी उसका साइज भी मुझे नही पता था क्योंकि उसका लेबल मिट गया था,फिर मुझे एक आईडिया आया कि क्यों न इंची टेप का इस्तेमाल किया जाए फिर मेने अपनी चेस्ट का साइज लिया क्योंकि मेरे ब्रैस्ट नही है,साइज 32 आया और पैंटी 80 की और मेने ये साइज रूबी को दे दिए



इस कि बाद कि कहानी जल्द लाऊंगी जब तक के लिए अलबिदा दोस्तो और मुझे बताना की मेरी ये रियाल स्टोरी आपको केसी लगी मेरी मंजिल अभी और है जल्द मिलेंगे नई कहानी के सात यही पर अलविदा

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