Meri Kahani

गौरव से गोरी तक का सफर

Image
हेलो दोस्तो में गौरव मथुरा से में कब गौरव से गोरी बना ये आपको बताता हूँ। में मथुरा से अपनी दीदी पारुल के घर गया था,वो मेरी मौसी की लड़की है वो कानपुर में रहती है। में बहुत दिन के बाद अपनी मौसी के घर गया था। दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी क्योंकि दीदी का न कोई भाई था और न ही कोई और बहन मे भी अपने घर मे अकेला लड़का था।। इस लिए में उन्हें ओर वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अब सफर सुरु करते है, जैसे कि में बता चुका हूं कि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी तो हम एक दूसरे से अपनी दिल की बात भी कर लेते थे। एक दिन दीदी बोली कि मेरे पास तेरे जैसा भाई थो है पररर....... दीदी इतना बोल के चुप हो गयी तो मैने बोला परर क्या दीदी...? फिर दीदी बोली परर मुझे अब एक छोटी बहन की भी जरूरत है। में दीदी से बोला आपको छोटी बहन की क्यो जरूरत है में तो हु न आपका छोटा भाई कोई काम है तो मुझे बताओ, दीदी हँसने लगी और बोली पागल कुछ ऐसी भी बात होती है जो एक बहन दूसरी बहन से कर सके उस टाइम मेरी उम्र सिर्फ 16 साल की थी में छिड़ कर बोला क्या में आपका भाई नही हूँ क्या में आपकी परेशानियां दूर नही कर सकता बोलो दीदी। ...

मेरी कहानी रूबी और स्कूल में स्कर्ट

अगला दिन:
रूबी स्कूल में एक अलग से बेग ले कर आई उसने मुझे बोला करिश्मा में तेरे लिए कुछ लायी हुँ मेने पूछा क्या तो उसने मुझे वो बैग दे कर कहा देख ले मेने कहा इन्टरबेल में दे खूंगी जब लांच हुआ तो मैने उस बैग को बहुत ज्यादा एक्सीमेंट में खोला उसके अन्दर एक जेन्स की पैंट और टॉप था और देखा तो एक स्कूल की स्कर्ट साथ मे एक जोड़ी सलवार सूट भी था

 मुझे बहुत अच्छा लगा रूबी बोली करिश्मा कैसा लगा ये मेरे थोड़े पुराने कपड़े है तू इन्हें पहन कर देखक फिर बताना कैसे लगे और तुम कल से रोज ब्रा पैंटी पहन कर आना सीख मेने बोला मेरे पास ज्यादा नही है बस जो तू लायी थी वो ही है तो उसने अपने बैग से 4 ब्रा और 4 पैंटी मुझे दी और कहा तेरा और मेरा साइज़ एक है तू ये पहन सकती है ब्रा और पैंटी बहुत ही खूबसूरत थे 

मेने कहा मुझे तूने बहुत कुछ दे दिया तू मेरी सच मे बेस्टफ़्रेंड है रूबी ने बोला बस बस अब ज्यादा इमोशनल मत हो और हाँ कल तू स्कर्ट पहन कर स्कूल आएगी उसके ऊपर पैंट पैन लेना तो किसी को पता नही चलेगा कि तूने स्कर्ट पहनी हुई है ओके और कल से तू मेरे पास ही बैठेगी ओर कही नही मेने कहा ठीक है।

उसके अगले दिन में ने वैसा ही किया में लाल रंग की ब्रा और काले रंग की पैंटी पहन कर गयी थी पैंट के नीचे स्कर्ट पहन रखी थी जब रूबी मुझसे मिली तो उसने मुझसे पूछा कि कैसा फील कर रही हो करिश्मा मेने कहा बहुत अच्छा लग रहा है उसने मुझे बोला कि कुछ दिन बाद वो मुझे समीज लेकर देगी सलवार कुर्ते के नीचे पहने के लिए, कुछ दिन अच्छे से गुजरे फिर एक रूबी की बर्थडे आया और उसने मुझे इनविटेशन दिया और कहा कि तू साड़ी पहन कर आएगी, 

मेने कहा पागल है में घर से साड़ी कैसे से संभब नही है और मुझे पहना भी नही आता तो उसने कहा तू मेरे घर पर तो ले कर आ सकती है ना अपनी साड़ी में तुझे रेड्डी कर दूंगी ओके चल कल मिलते है और कोई बहाना नही चलेगा ओके बाये 
आज कहानी का यही अंत होता है कल फिर मिलेंगे इसके आगे की मस्त कहानी के साथ

Comments

Popular posts from this blog

गौरव से गोरी तक का सफर

बाहर की यात्रा पार्ट 2

मेरी पहली पहली क्रोसड्रेसिंग