Meri Kahani

गौरव से गोरी तक का सफर

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हेलो दोस्तो में गौरव मथुरा से में कब गौरव से गोरी बना ये आपको बताता हूँ। में मथुरा से अपनी दीदी पारुल के घर गया था,वो मेरी मौसी की लड़की है वो कानपुर में रहती है। में बहुत दिन के बाद अपनी मौसी के घर गया था। दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी क्योंकि दीदी का न कोई भाई था और न ही कोई और बहन मे भी अपने घर मे अकेला लड़का था।। इस लिए में उन्हें ओर वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अब सफर सुरु करते है, जैसे कि में बता चुका हूं कि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी तो हम एक दूसरे से अपनी दिल की बात भी कर लेते थे। एक दिन दीदी बोली कि मेरे पास तेरे जैसा भाई थो है पररर....... दीदी इतना बोल के चुप हो गयी तो मैने बोला परर क्या दीदी...? फिर दीदी बोली परर मुझे अब एक छोटी बहन की भी जरूरत है। में दीदी से बोला आपको छोटी बहन की क्यो जरूरत है में तो हु न आपका छोटा भाई कोई काम है तो मुझे बताओ, दीदी हँसने लगी और बोली पागल कुछ ऐसी भी बात होती है जो एक बहन दूसरी बहन से कर सके उस टाइम मेरी उम्र सिर्फ 16 साल की थी में छिड़ कर बोला क्या में आपका भाई नही हूँ क्या में आपकी परेशानियां दूर नही कर सकता बोलो दीदी। ...

परी और इंदर

आज से 4 साल पहले भारत के राजिस्थान में  एक गरीब परिवार में जन्म हुआ था परी का, और राजिस्थान के अमीर परिवार में जन्म हुआ था इंदर का कौन है ये परी और इंदर क्या है इनकी कहानी चलिये जनते है हम लोग,


गरीब परिवार में जन्मे रवि एक बहुत ही अच्छा लड़का था उसके पिता का नाम अशोक कुमार था वो मजदूरी करते थे, उनकी पत्नी लीला देवी एक हाउस वाइफ थी,उनकी 4 लडकिया और थी जिनका नाम गीता,संगीता,मानशी,और मेघना था रवि सबसे छोटा भाई था,
रवि ही आगे चल कर परी बना वो कैसे 🤔 रवि को बचपन से ही अपनी बहनो के साथ खेलता खेलता बड़ा होना था जिसके चलते वो भी अपनी बहनों की तरह तैयार होता था माँ पिता पहले तो कुछ नही बोलते थे वो अपनी बहनों की तरह फ्रॉक और उनकी सभी कपड़े पहनता था,

धिरे धिरे वो लड़के से लड़की बनने में ही इंटरेस्ट लेने लगा गांव के लोगो ने उसे नया नाम दिया परी अब रवि परी नाम से जाना जाने लगा जो भी उसे देखता वो उसे पहचान ही नही पता था कि ये एक लड़का है वो हमेशा ही अपनी बहनों के साथ जा कर अपने लिए कपड़े ले के आता था बस कमी थी तो उसके ऑपरेशन की घर वाले बिचरे एक लड़के को पाकर खुश थे पर वो लड़का भी अब लड़की बने के लिए उतारू था अब रवि यानी परी की उम्र 22 साल की है।


उसही गांव में हीरा दास नाम का एक सेठ रहता था उसका एक इकलौता पुत्र था इंदर एक दिन इंदर गांव के मेले में लगी अपनी शॉप पर बैठा था। गांव के मेले परी अपनी संग सहेली और बहनों के साथ आई इंदर की नज़र उस समय परी पर गई और उसे देखते ही इंदर उसके प्रेम में पड़ गया वो उसके लिए कुछ भी कर सकता था, अब इंदर उसके अपने प्रेम में डालने की सोचने लगा परी को ये कुछ भी नही पता था,

धीरे धीरे दिन गुजरने लगा पर इंदर के लिए दिन बहुत लंबे गुजर रहे थे। 
इंदर को परी की सच्चाई पता नही थी और परी को इंदर का प्यार के बारे में नही मालूम था

अब क्या होगा इंदर के प्यार का और क्या होना चहिये था, हमे जरूर लिखे,

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