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Showing posts from July, 2020

Meri Kahani

गौरव से गोरी तक का सफर

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हेलो दोस्तो में गौरव मथुरा से में कब गौरव से गोरी बना ये आपको बताता हूँ। में मथुरा से अपनी दीदी पारुल के घर गया था,वो मेरी मौसी की लड़की है वो कानपुर में रहती है। में बहुत दिन के बाद अपनी मौसी के घर गया था। दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी क्योंकि दीदी का न कोई भाई था और न ही कोई और बहन मे भी अपने घर मे अकेला लड़का था।। इस लिए में उन्हें ओर वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे। अब सफर सुरु करते है, जैसे कि में बता चुका हूं कि दीदी मुझे बहुत प्यार करती थी तो हम एक दूसरे से अपनी दिल की बात भी कर लेते थे। एक दिन दीदी बोली कि मेरे पास तेरे जैसा भाई थो है पररर....... दीदी इतना बोल के चुप हो गयी तो मैने बोला परर क्या दीदी...? फिर दीदी बोली परर मुझे अब एक छोटी बहन की भी जरूरत है। में दीदी से बोला आपको छोटी बहन की क्यो जरूरत है में तो हु न आपका छोटा भाई कोई काम है तो मुझे बताओ, दीदी हँसने लगी और बोली पागल कुछ ऐसी भी बात होती है जो एक बहन दूसरी बहन से कर सके उस टाइम मेरी उम्र सिर्फ 16 साल की थी में छिड़ कर बोला क्या में आपका भाई नही हूँ क्या में आपकी परेशानियां दूर नही कर सकता बोलो दीदी। ...

मेरी कहानी रूबी और स्कूल में स्कर्ट

अगला दिन: रूबी स्कूल में एक अलग से बेग ले कर आई उसने मुझे बोला करिश्मा में तेरे लिए कुछ लायी हुँ मेने पूछा क्या तो उसने मुझे वो बैग दे कर कहा देख ले मेने कहा इन्टरबेल में दे खूंगी जब लांच हुआ तो मैने उस बैग को बहुत ज्यादा एक्सीमेंट में खोला उसके अन्दर एक जेन्स की पैंट और टॉप था और देखा तो एक स्कूल की स्कर्ट साथ मे एक जोड़ी सलवार सूट भी था   मुझे बहुत अच्छा लगा रूबी बोली करिश्मा कैसा लगा ये मेरे थोड़े पुराने कपड़े है तू इन्हें पहन कर देखक फिर बताना कैसे लगे और तुम कल से रोज ब्रा पैंटी पहन कर आना सीख मेने बोला मेरे पास ज्यादा नही है बस जो तू लायी थी वो ही है तो उसने अपने बैग से 4 ब्रा और 4 पैंटी मुझे दी और कहा तेरा और मेरा साइज़ एक है तू ये पहन सकती है ब्रा और पैंटी बहुत ही खूबसूरत थे  मेने कहा मुझे तूने बहुत कुछ दे दिया तू मेरी सच मे बेस्टफ़्रेंड है रूबी ने बोला बस बस अब ज्यादा इमोशनल मत हो और हाँ कल तू स्कर्ट पहन कर स्कूल आएगी उसके ऊपर पैंट पैन लेना तो किसी को पता नही चलेगा कि तूने स्कर्ट पहनी हुई है ओके और कल से तू मेरे पास ही बैठेगी ओर कही नही मेने कहा ठीक है। उसके अगले दिन में न...

मेरी कहानी पार्ट 3

अगले दिन रूबी मेरे लिए ब्रा और पैंटी ले आयी वो दोनों एक ही रंग की लायी थी उसका रंग सफेद था में उसे घर पर ले कर आ गयी और पहन कर चेक करने लगी कि साइज सही है या गलत वो मुझे सही से आ गयी में उसे पहने लगी  अब मेरे पास 2 जोड़ी ब्रा और पैंटी हो गई थी पर मेरे पास अभी भी कोई औऱ ड्रैस नही थी, मेरा मन लड़कियों की तरह तैयार होने को करने लगा एक दिन मन मे आया कि क्यो न रूबी से दिल की बात करूं और उसे सब कुछ बता दु। एक दिन मौका देख कर मेने रूबी से बोला रूबी एक बात बोलू तेरे से ( अब रूबी और मेरी बात )  रूबी: बोल क्या बोलना है. में: यर में कैसे बोलू कुछ समझ नही आ रहा । रूबी: बोल न क्या बात है। में: यर बोलते में मुझे शर्म आ रही है। रूबी: कोई गलत बात तो नही करनी न मुझसे बोल। में: नही यर। रूबी मेरी बात काटते हुए बोली तो फिर बोल न। में: यर जो तेरे से मैने ब्रा और पैंटी मंगाई थी वो किसी लड़की के लिए नही बल्कि अपने लिए मंगाई थी 😒 रूबी: सच तू लड़कियों के अंडरगारमेंट्स पहनता है पर क्यो ? में: मुझे अच्छे लगते है, रूबी: तभी तू आज ब्रा और पैंटी पहन कर आया है मेरा मतलब आयी है। में: तुजे कैसे पता चला रूबी:मुझे...

मेरी कहानी पार्ट 2

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जब में 13 साल की हुई तो पहली फ्रॉक पहनी थी, मुझे पता नही क्या होने लगा था अब मुझे सिर्फ ऐसा लगने लगा था की में एक लड़की हूँ मेने 13 साल की उम्र में सिर्फ और सिर्फ बो ब्रा और फ्रॉक ही पहनी थी मेरा मन और भी बहुत कुछ पहने को करने लगा पर मुझे में कुछ भी खरीद सकती थी क्योंकि मेरे पास न तो पैसा था और न ही लड़कियों वाली कोई भी चीज़ खरीदने की हिम्मत क्यो की में डरती थी कि जब में किसी शॉप से कोई चीज़ लुंगी तो लोग मेरे से पूछेंगे की किस के लिए चहिये हम मथुरा में किराएदार थे, उसमे 4 और परिवार रहते थे, धीरे में बड़ी होने लगी जब में 16 साल की हुई तो मुझे और भी बहुत कुछ ट्राय करने का मन किया मेरी माँ कभी ब्रा नही पहनती थी और जो में ब्रा पहनती थी वो छोटी हो गयी थी में नई ले नही सकती थी और पुरानी आती नही थी फ्रॉक मेने फेक दी थी क्यो की वो भी मुझे नही आती थी, फिर मेने अपनी लाइफ की पहली चोरी की मेने अपनी पड़ोसन की ब्रा और पैंटी चोराली वो मुझे अच्छी लगी थी वो लाल रंग की ब्रा और महरून रंग की पैंटी थी अब में उन्हें हर 2 दिन बाद पहनती थी क्योंकि मेरे पास वो एक ही थी, में और भी लेना चाहती थी पर डर अभी भी था मुझे म...

मेरी पहली कहानी

मेरा जन्म उत्तर प्रदेश में मथुरा में हुआ है, में जब 10 साल का हुआ तो में ये सोचने लगा कि काश मुझे पुलिस में एक एजेंट की जॉब मिलेगी और में पुलिस के लिए बहरूपिया बन कर काम करुँगा. में लड़की बन कर चोर औऱ बदमाशों से लड़ूंगा औरअपनी देश की शान ऊपर करूँगा, पर ये सब सपने थे,मेने 11 साल की उम्र में पहली बार सड़क पर पड़ी हुई अपनी पड़ोसन की लड़की की ब्रा पहनी में उसे अपने घर चुप चाप ले आया उसका रंग काला था, मुझे तभी से ब्रा पहना अच्छा लगने लगा ब्रा पहनने से शरीर में कुछ कुछ होने लगा मुझे ऐसा लगने लगा जैसे ये मेरे लिए भी बनी है अब आगे की स्टोरी में एक लड़की की तरह कहूंगा। जब में 13 साल का हुआ तो मेरी माँ कोटी बाली की लड़की की फ्रॉक ले आयी जो पड़ोसन की लड़की को देना था पर मेरा मन उसे पहने को करने लगा मेने अपनी माँ से नजर बचा के उसे पहन लिया और माँ से उस पड़ोसन को ये फ्रॉक देने से रोकने के लिए कुछ सोचने लगी, जब माँ घर नही थी तो मैने उस फ्रॉक को ऊपर छत पर कोने में एक ईंट के नीचे रख दी और माँ को बोल दी कि मैने बो फ्रॉक पड़ोसन को दे दी है मेरी को लगा कि मैने सच मे वो फ्रॉक पड़ोसन को दे दी होगी अब में स्कूल से आ करक...